
वन्दे मातरम् कोई विवाद का विषय नहीं है | यह राष्ट्र के प्रति समर्पण का सबसे बड़ा प्रतीक है | यह भारत के प्रत्येक नागरिक की ओर से की जाने वाली सर्वोत्कृष्ट वंदना भी है | यह मजहबी भेदभाव से परे है इसकी मिसाल स्वतंत्रता संघर्ष में मिल चुकी है |अब हमें इस पर कोई फतवा स्वीकार नहीं है | अगर इस पर कोई विवाद था भी तो वो 1947 के पहले सुलझा लिया गया था | एक और प्रयास 2006 में